मैं शायर नहीं हूँ .....पर जो आया दिल में लिख दिया .....कभी कभी जिंदगी में आप को कुछ लोग मिलते हैं जिन्हें आप ताउम्र नहीं भूल सकते हो ......ऐसे ही किसी की याद में कुछ लिख दिया ......
''तुम्हारी आँखों का काजल , बालों का गजरा .......
कानों के झुमके , हाथों के कंगन ........
बहुत प्यारे थे ये सब ......जब तुम हमारे थे ........
तुम्हारे बदन की खुशबु, सांसों की गर्मी ........
इठला के चलना , इतरा के मुड़ना .......
बहुत प्यारे थे ये सब ......जब तुम हमारे थे ........
तुम्हारा अंदाज रूठने का ......लड़ना बिन बात का .....
प्यार जताना बात -बात पर, मुंह चिढाना मेरी बात पे ....
बहुत प्यारे थे ये सब ......जब तुम हमारे थे ........
तुम्हारा वो कनखियों से मुझे देखना, दबे होठों से मुस्कराना ......
मुड़ कर मुझे देखना, अकेले में मुझे डाँटना .........
बहुत प्यारे थे ये सब ......जब तुम हमारे थे ........
आज तुम नहीं हो साथ मेरे .....पर यादें हैं तुम्हारी मेरे पास .....
बहुत खुश हूँ मैं आज .....की तू खुश है ...किसी और के साथ .....
बहुत प्यारे थे ये सब ......जब तुम हमारे थे ........
वैभव अवस्थी
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