मैं हारा नहीं हूँ अभी ....
अभी उठूँगा मैं ... ..
लडूंगा मैं ....
फिर गिरूंगा मैं ...
फिर सम्भलूँगा मैं ...
मैं हारा नहीं हूँ अभी .....
थोडा थका हूँ मैं ....
थोडा रुका हूँ मैं ...
थोडा गिरा हूँ मैं ....
फिर सम्भ्लूँगा मैं
मैं हारा नहीं हूँ अभी ....
मुश्किलों के भवर में डूबा हूँ मैं ....
हालातों के जालों में फंसा हूँ मैं
जीवन के हालातों में फंसा हूँ मैं ....
फिर सम्भ्लूँगा मैं ..
मैं हारा नहीं हूँ अभी ...
वक्त का मारा हुआ हूँ मैं ....
किस्मत का ठुकराया हुआ हूँ मैं ....
अपनों का गिराया हूँ मैं ....
फिर सम्भ्लूँगा मैं ....
मैं हरा नहीं हूँ अभी ....
अभी उठूँगा मैं ... ..
लडूंगा मैं ....
फिर गिरूंगा मैं ...
फिर सम्भलूँगा मैं ...
मैं हारा नहीं हूँ अभी .....
थोडा थका हूँ मैं ....
थोडा रुका हूँ मैं ...
थोडा गिरा हूँ मैं ....
फिर सम्भ्लूँगा मैं
मैं हारा नहीं हूँ अभी ....
मुश्किलों के भवर में डूबा हूँ मैं ....
हालातों के जालों में फंसा हूँ मैं
जीवन के हालातों में फंसा हूँ मैं ....
फिर सम्भ्लूँगा मैं ..
मैं हारा नहीं हूँ अभी ...
वक्त का मारा हुआ हूँ मैं ....
किस्मत का ठुकराया हुआ हूँ मैं ....
अपनों का गिराया हूँ मैं ....
फिर सम्भ्लूँगा मैं ....
मैं हरा नहीं हूँ अभी ....
2 टिप्पणियां:
man hai viswaas poora hai viswaas.....HUM honge kamyab ke din.....
रुक जाना नहीं तू कही हार के कांटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही, ओ राही .....
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